मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना 2024

" महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उदेश्य से मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना को शुरू करने की घोषणा की है इस योजना के माध्यम से महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के गरीब परिवारों की सभी महिलाओं को हर महीने वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी "

"मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना के तहत राज्य में 21 वर्ष से 65 वर्ष तक की आयु सीमा वाली गरीब, तलाकशुदा, बेसहरा  महिलाओं को हर महीने 1500 रुपए की वित्तीय सहायता दी जाएगी।"

– आधार कार्ड – इंटरमीडिएट पास की मार्कशीट – इंटरमीडिएट प्रवेश पत्र – जाति प्रमाण पत्र – राशन कार्ड – निवास प्रमाण पत्र – आय प्रमाण पत्र – बैंक खाता विवरण – मोबाइल नंबर – आवेदन फॉर्म

आवश्यक दस्तावेज

– महाराष्ट्र राज्य की विवाहित, तलाकशुदा, बेघर, निराधार महिलाएं। – न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 60 वर्ष तक की महिलाएं। – सभी महिलाएं जो इस योजना का लाभ लेना चाहती हैं उनका बैंक खाता होना आवश्यक है। – इस योजना का लाभ लेने की इच्छुक महिलाओं के परिवार की वार्षिक  इंकम  2.5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?

 "महाराष्ट्र राज्य सरकार के द्वारा महिलाओं और बालिकाओं को आर्थिक सहायता से प्रदान करने के साथ-साथ प्रदेश की ओबीसी और ईडब्ल्यूएस श्रेणी में आने वाली गरीब छात्राओं का कॉलेज में एडमिशन लेने पर की फीस भी माफ की जाएगी। इस योजना के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य की तकरीबन 2 लाख बालिकाओं की फीस माफ की जाएगी।"

" सरकार द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार इस योजना के लिए 46,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजटीय आवंटन का प्रावधान किया जाएगा। एक अन्य कल्याणकारी योजना की घोषणा करते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि पांच लोगों के एक पात्र परिवार को ‘मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना’ के तहत हर साल तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त देने की भी बात कही।"

योजना कब से शुरू होगी?

मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया को जुलाई में शुरू किया जाएगा।

योजना से क्या लाभ होगा?

इस योजना का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को अपने सपनों को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर प्रदान करना है। महाराष्ट्र राज्य की लड़कियां और महिलाओं सुविधा उपलब्ध करके उनके रोजगार में सहायता मिलेगी। महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक सहायता मिलेगी। और उनके आधार पर पल रहे नवजात शिशु का पोषण और संरक्षण करने में भी महिलाओं को मदद मिलेगी।